राहु महादशा में किसकी पूजा करनी चाहिए
राहु महादशा में किसकी पूजा करनी चाहिए, यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है। राहु एक छाया ग्रह है, जिसे आमतौर पर इसके नकारात्मक प्रभावों के लिए जाना जाता है। इस महादशा में व्यक्ति को जीवन में कई अप्रत्याशित उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है। राहु स्थिरता को बाधित करता है और व्यक्ति को अचानक ऊंचाइयों पर पहुंचा देता है, लेकिन उतनी ही तेजी से उसे नीचे भी गिरा सकता है।
राहु की महादशा या अंतर्दशा के दौरान बड़े उतार-चढ़ाव देखे जाते हैं। यह ग्रह अपने नकारात्मक प्रभावों के कारण व्यक्ति के जीवन में कठिनाइयाँ उत्पन्न कर सकता है। ऐसे में, व्यक्ति को अपने जीवन में संतुलन बनाए रखने के लिए विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। राहु की महादशा में पूजा और साधना के माध्यम से सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने का प्रयास करना चाहिए।
इस समय में, देवी-देवताओं की पूजा करना, विशेषकर भगवान शिव और हनुमान जी की आराधना करना लाभकारी हो सकता है। ये देवता राहु के नकारात्मक प्रभावों को कम करने में सहायक होते हैं। नियमित रूप से मंत्र जाप और ध्यान करने से व्यक्ति अपने जीवन में राहु के प्रभाव को संतुलित कर सकता है और सकारात्मकता को बढ़ावा दे सकता है।
इसलिए यह अत्यंत आवश्यक हो जाता है कि हम राहु की महादशा या अंतर्दशा के दौरान ईश्वर की आराधना करें। इससे हमें देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होगा और हमारे जीवन में सकारात्मकता का संचार होगा।
अब यह प्रश्न उठता है कि राहु की दशा के समय किस देवी या देवता की पूजा करने से हमें लाभ मिल सकता है? राहु की महादशा में विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है। शिवजी को भोले शंकर के नाम से भी जाना जाता है।
पुराणों में शिव ही एकमात्र ऐसे देवता हैं जो राक्षसों और देवताओं दोनों को बिना किसी भेदभाव के तपस्या करने पर इच्छित फल प्रदान करते हैं। पुराणों में यह स्पष्ट है कि शंकर को भोले शंकर इसलिए कहा जाता है क्योंकि दानव भी उनकी आराधना करके अपनी इच्छाओं की पूर्ति कर लेते थे। चूंकि राहु एक राक्षस का कटा हुआ सिर है, इसलिए शिव भगवान की पूजा करने से राहु के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है।
राहु की महादशा में शिवजी की उपासना
राहु की महादशा के दौरान शिवजी की उपासना करने के लिए एक अत्यंत प्रसिद्ध मंत्र है "ओम नमः शिवाय"। इस मंत्र का नियमित जाप करने से आप राहु के दुष्प्रभावों को कम करने में सक्षम हो सकते हैं। यह मंत्र न केवल मानसिक शांति प्रदान करता है, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति के लिए भी सहायक होता है।
जब व्यक्ति के जीवन में नकारात्मक परिस्थितियाँ उत्पन्न होती हैं, तब ईश्वर की आराधना और पूजा का विशेष महत्व होता है। इस समय देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे नकारात्मकता का प्रभाव कम होता है। शिवजी की उपासना से विशेष रूप से मानसिक और आध्यात्मिक बल मिलता है।
शिवजी की पूजा के दौरान ध्यान और भक्ति का विशेष ध्यान रखना चाहिए। नियमित रूप से शिवलिंग पर जल, दूध या अन्य नैवेद्य अर्पित करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है। इस प्रकार, राहु की महादशा में शिवजी की उपासना करने से जीवन में संतुलन और सकारात्मकता स्थापित की जा सकती है।
राहु की महादशा में राहु मन्त्र
जब राहु की महादशा चल रही हो तो नित्य राहु मन्त्र " ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः" का 108 बार जाप करने से भी राहु अशुभ प्रभाव ख़त्म होते है।