प्रथम भाव में मिथुन राशि: Gemini in the First House in Hindi
प्रथम भाव में मिथुन राशि होने से यह मिथुन लग्न बनता है। मिथुन लग्न का संबंध बुध ग्रह से है, जिसे बुद्धि और वाणी का प्रतीक माना जाता है। इस लग्न में जन्मे जातक सामान्यतः बुद्धिमान और वाचाल होते हैं, जो बुध के स्वाभाविक गुणों का प्रदर्शन करते हैं। इनका शारीरिक गठन सामान्यतः ऊँचा होता है, लेकिन ये भारी नहीं होते। इनका रंग हल्का और चेहरा भरा हुआ होता है, जबकि बाल काले और पतले होते हैं। दाढ़ी और मूंछों के बाल अक्सर नुकीले होते हैं, जो इनकी विशेषता को और बढ़ाते हैं।
मिथुन लग्न के जातक संवाद करने में कुशल होते हैं और उन्हें लच्छेदार भाषण देने में महारत हासिल होती है। ये विद्या के प्रति गहरी रुचि रखते हैं और ज्ञानार्जन की दिशा में विशेष झुकाव रखते हैं। साहित्य के प्रति इनका लगाव भी उल्लेखनीय होता है, जिसके कारण कई मिथुन जातक साहित्यकार या कवि बनते हैं। उनकी रचनात्मकता और विचारशीलता उन्हें समाज में एक विशेष स्थान दिलाती है।
मिथुन लग्न के जातकों की एक और विशेषता यह है कि जब वे चलते हैं, तो उनकी कमर थोड़ी झुकी हुई प्रतीत होती है। यह चलने का तरीका उनके व्यक्तित्व का एक अनूठा पहलू है, जो उन्हें दूसरों से अलग बनाता है। इस प्रकार, मिथुन लग्न के जातक न केवल अपनी बुद्धिमत्ता और वाचालता के लिए जाने जाते हैं, बल्कि उनके शारीरिक लक्षण भी उन्हें एक विशिष्ट पहचान प्रदान करते हैं।
ऐसे व्यक्ति कभी भी किसी एक कार्य से संतुष्ट नहीं होते। उन्हें एक साथ कई कार्यों को आरंभ करने में रुचि होती है, जिसके परिणामस्वरूप उनके कार्यों को पूरा करने में अक्सर विलंब होता है। वे जितना श्रम करते हैं, उतना लाभ उन्हें नहीं मिल पाता, जिससे उनमें हीन भावना उत्पन्न हो जाती है।
अस्थिर मानसिकता के कारण वे किसी भी कार्य में विशेषज्ञता हासिल नहीं कर पाते। ऐसे व्यक्तियों का किसी विशेष कार्य में कुशल होना केवल एक अपवाद के रूप में ही संभव है।