प्रथम भाव में कर्क राशि: Cancer in the First House in Hindi
प्रथम भाव में कर्क राशि यानि की कर्क लग्न। जो कर्क लग्न में जन्म लेते हैं, आमतौर पर हल्के रंग के होते हैं, लेकिन ग्रहों की स्थिति के अनुसार कुछ जातक गहरे रंग के भी हो सकते हैं। इनका कद सामान्यतः मझोला होता है और शारीरिक संरचना कोमल होती है, जिसमें आगे के दांत थोड़े बड़े होते हैं। इनकी मानसिक क्षमता अत्यधिक होती है, जिससे ये लोग बहुत भावुक होते हैं और जब भावनाओं में बह जाते हैं, तो अपने हित-निहित को भी नहीं देख पाते।
ऐसे जातक मेहनती होते हैं, लेकिन उन्हें अपने प्रयासों का फल प्राप्त करने में समय लगता है। जीवन में निरंतर प्रगति की चाह रखने वाले ये लोग बुद्धिमान और खोजी स्वभाव के होते हैं। हालांकि, इन्हें दाम्पत्य जीवन में सुख की कमी का सामना करना पड़ता है, फिर भी ये अपने परिवार, विशेषकर पत्नी और बच्चों के प्रति अत्यधिक स्नेह रखते हैं।
कर्क लग्न के जातकों की कुंडली में यदि विवाह प्रतिबंध योग उपस्थित हो, तो भी उन्हें सहवास के अवसर निरंतर प्राप्त होते रहते हैं। ऐसे जातक आमतौर पर आत्मविश्वासी और न्यायप्रिय होते हैं। आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद, उनके कार्यों में कोई रुकावट नहीं आती। सामाजिक गतिविधियों में धन खर्च करने के लिए वे हमेशा तत्पर रहते हैं।
जब लग्न में मंगल और राहु की युति होती है, तो ऐसे जातकों की प्रवृत्ति निम्न स्तर की हो जाती है। इन ग्रहों की युति के कारण वे दरिद्रता और उदर रोगों का सामना भी कर सकते हैं। इस प्रकार, कर्क लग्न के जातकों के जीवन में ग्रहों की स्थिति का महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है, जो उनके व्यक्तित्व और सामाजिक जीवन को प्रभावित करता है।